#EverythingIsPossible Featured दिल से दिल तक जब शैतान यीशु को अपनी ओर जीतना चाहता था तब उसने जंगल में उसकी अंतिम परीक्षा की जो शक्ति और अधिकार से जुड़ी थी। “शैतान फिर यीशु को एक बहुत ऊँचे पहाड़ पर ले गया और उसे जगत के सारे >>>
#EverythingIsPossible Featured दिल से दिल तक हम मत्ती 4: 6 में पढ़ते हैं कि शैतान ने दूसरी बार जंगल में यीशु की परीक्षा की, “अगर आप परमेश्वर के पुत्र हो तो अपने आप को नीचे गिरा दो। क्योंकि लिखा है, ‘वह तेरे विषय में अपने स्वर्गदूतों >>>
#EverythingIsPossible Featured दिल से दिल तक यीशु के अपनी सांसारिक सेवा शुरू करने से पहले, हमारे स्वर्गीय पिता चाहते थे कि यीशु अपने जीवन में कुछ महत्वपूर्ण अनुभव करें। हम मत्ती 3:17 में पढ़ते हैं कि जब यूहन्ना यीशु को पानी में बपतिस्मा दे रहा था >>>
#EverythingIsPossible दिल से दिल तक जीवन एक फैसला है। तुम्हारा जीवन एक फैसले के कारण शुरू हुआ, पर वह फैसला तुम्हारा नहीं था। तुमने फैसला नहीं लिया कि तुम्हें इस दुनिया में आने की ज़रूरत है। जीवन बढ़ोतरी है। बढ़ोतरी विरासत में मिले फ़ैसलों से >>>
#EverythingIsPossible दिल से दिल तक भले ही दुनियाँ डर और चिंता से भरी हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमें दुनियाँ का पीछा करना है। मसीह ने हमें पाप से छुड़ाया और हम अब दुनियाँ के हिसाब से नहीं जीते। हम परमेश्वर के राज्य >>>
#EverythingIsPossible दिल से दिल तक हमारा ध्यान हमारी दिशा को निश्चित करता है। पीछे देखकर आगे की ओर जाने की कोशिश करना नामुमकिन है। हार के बारे में सोचकर जीतने की कोशिश करना नामुमकिन है। हमारा ध्यान दिखाता है की हम कहाँ जा रहे हैं। >>>
#EverythingIsPossible दिल से दिल तक दयालुता को हराना नामुमकिन है। ठीक जैसे अंधकार रोशनी पर नहीं जीत सकता और जैसे आग समुद्र को नहीं जला सकती और रात दिन को नहीं रोक सकती उसी तरह से दयालूता अजय है। अगर तुम दयालुता को दुःख पहुँचाओगे >>>
#EverythingIsPossible दिल से दिल तक मसीह से पहले लोगों ने धुंधले आईने में छाया की तरह परमेश्वर को ठीक से नहीं समझा । लेकिन मसीह में परमेश्वर खुद हमारे पास आये ताकि हम साफ साफ समझ सकें कि वह कौन है। “पिता और मैं एक >>>
#EverythingIsPossible दिल से दिल तक जब हम मसीह को अपने दिल में स्वीकार करते हैं तब हमें एक नया जीवन शुरू करने की क्षमता प्राप्त होती है। लेकिन हम उस क्षमता को तभी पूरा कर पाएंगे जब हम विश्वास में बढ़ेंगे। इसका क्या मतलब है >>>
#EverythingIsPossible दिल से दिल तक जब यूहन्ना के दो चेले उसे छोड़कर मसीह के पीछे हो लिए तब यीशु ने उन से पूछा, “तुम क्या चाहते हो?” (यूहन्ना 1: 37) उस समय यीशु का एक भी चेला नहीं था। इसलिए इस तरह का सवाल उस >>>