उसका जन्म 2000 साल पहले एक बढ़ई के बेटे के रूप में बैतलैहम नामक एक छोटे शहर में हुआ था। उस समय बहुत से लोगों ने उसके जन्म पर ध्यान नहीं दिया। फिर भी अभी हम पूरे इतिहास को दो मुख्य भागों में बँटा हुआ देखते हैं BC – यीशु मसीह के जन्म से पहले और AD – उसके जन्म के बाद!
उसके अद्भुत जन्म की भविष्यवाणी यशायाह भविष्यद्वक्ता द्वारा 700 ईसा पूर्व ही कर दी गई थी। यह स्वर्गदूतों के सामर्थी प्रदर्शन के द्वारा हुआ। उसकी मृत्यु ने यरूशलम की बड़ी चट्टानों को तोड़ते हुए बड़े भूकंप से हिला दिया। सूरज ने चमकना बंद कर दिया। मरे हुए लोगों का ज़िलाया जाना परमेश्वर की सामर्थ्य का भयावह प्रकटीकरण था और बहुतों के द्वारा उसकी गवाही दी गई।
उसने शांति, प्रेम और क्षमा के बारे में बात की फिर भी लोगों ने उसे अस्वीकार किया और उसे सूली पर चढ़ा दिया। जब वह सूली पर मरा तो उसने उनके लिए प्रार्थना की जिन्होंने उसे सूली पर चढ़ाया। वह सब कुछ जो हुआ उससे पूरी तरह हारकर, आंसुओ के साथ जल्लादों नें उसे परमेश्वर का पुत्र स्वीकार किया।
उसने अपने तीन साल की सेवकाई में हज़ारों को चंगा किया, भीड़ को खिलाया, लाखों लोगों के जीवन में विश्वास और उम्मीद को लाया। तब से उसके जीवन और शिक्षा ने दुनियाँ के इतिहास में करोड़ों लोगों को प्रभावित किया और उसकी सामर्थ उन लोगों के जीवन में अब भी कार्य करती है जिन्होंने उस पर अपना भरोसा रखने का चुनाव किया।
तुम मुझसे पूछ सकते हो ये कैसे मुमकिन है। जवाब आसान है। यीशु जिंदा है। वह सच्चा है। इसलिए ये मुमकिन है। सारी दुनिया जानती है कि बिना बलिदान के पापों की क्षमा नहीं मिल सकती। इसीलिए यीशु मसीह हमारी जगह खुद बलिदान हुए ताकि हमें अपने पापों से छुटकारा मिल सके और हम उस पर विश्वास कर के अनन्त जीवन पा सकें। सूली पर उसकी मृत्यु अंत नहीं था। तीन दिन के बाद वह फिर से जी उठा और वह अब जिंदा है!
उसके फिर से जी उठने के सैकड़ों लोग गवाह थे। यह परमेश्वर की सामर्थ के महान प्रकटीकरण और स्वर्गदूतों के दिखाई देने के साथ हुआ। यहां तक कि उसके दुश्मनों को भी मानना प़डा की वह फिर से जीवित हो गया है।
उसके जीवन और शिक्षा का लेखा – पवित्र बाइबल – दुनियाँ की सबसे ज्यादा बाँटी जाने वाली किताब है। वह किसी और किताब की तुलना में – बहुत बार और बहुत सी भाषाओं में – सब मिलाकर 2100 से ज्यादा भाषाओं में अनुवाद की गई है। 1815 से बाइबल की पांच अरब से ज्यादा प्रतियां बेची गई हैं । जो उसे हर समय की सबसे अच्छी बिकने वाली किताब बनाती है।
उसके पहले 12 चेले शताब्दीयों के दौरान अब 2.5 अरब चेलों में बढ़ चुके हैं। जिसमें आज की दुनियाँ की 30% आबादी शामिल है।
यीशु जीवित है। वह वास्तविक है। यह बात उसे अलग बनाती है। इसलिये तुम्हारे पाप क्षमा हो सकते हैं। तुम्हारे दोष मिटाए जा सकते हैं। तुम्हारे आंसू पोंछे जा सकते हैं। तुम्हारी निराश परिस्थितियाँ बदली जा सकती है। तुम्हारी बीमारी ठीक की जा सकती है। तुम्हारे टूटे हुए रिश्ते फिर से बनाए जा सकते हैं । तुम्हारा सारा जीवन बदल सकता है, सिर्फ उस पर विश्वास करने के द्वारा।
अभी जब आप इसे पढ़ रहे हैं, वह आपको देख रहा है। वह दूर नहीं है। वास्तव मे वह बहुत नजदीक है। ठीक आपके हृदय के द्वार पर। अपने हृदय को खोल कर उसे अंदर आने दें। अभी इस साधारण सी प्रार्थना को करें। आप पूरी तरह से सुनिश्चित हो सकते हैं कि वह अब आपकी बात सुन रहा हैं और वह इस प्रार्थना का उत्तर देगा क्योंकि वह जीवित और वास्तविक है।
यीशु, आप मार्ग, सत्य और जीवन हैं। मैं जैसा हूँ अब आपके पास आ रहा हूँ । मुझे विश्वास है कि आप 2,000 साल पहले मेरे लिए क्रूस पर मर गये। मुझे विश्वास है कि आप तीसरे दिन मरे हुओं में से जीवित हो गये। और मुझे विश्वास है कि अब आप जीवित हैं और मेरी प्रार्थना सुनते हैं।
यीशु मेरे दिल में आओ, मेरे पापों को क्षमा करो, मुझे चंगा कर दो, मुझे बदल दो। मुझे आपकी जरूरत है। मैं आपके पीछे चलना चाहता हूँ। मैं सत्य जानना चाहता हूँ। मैं आपके साथ एक नया जीवन शुरू करना चाहता हूँ।
यीशु जो कुछ आपने मेरे लिए किया उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। आमीन।
अब पूरे मन से उस पर विश्वास करो और आप कभी भी ऐसे नहीं रहोगे। चर्च में जुड़ें, बाइबिल पढ़ना शुरू करें और यीशु की जीवन बदलने वाली शक्ति का अनुभव करें। वह जिंदा है। वह असली है । उसके साथ सभी चीजें संभव हैं। एक नया जीवन शुरू करो और एक अलग तरीके से जियो । यह अलग होने का समय है – यह यीशु जैसा होने का समय है।