तुम प्रेम के लिए बनाए गए थे। “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो परंतु अनंत जीवन पाए”। (यूहन्ना 3: 16)

तुम प्रेम के लिए बनाए गए थे। “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो परंतु अनंत जीवन पाए"। (यूहन्ना 3: 16)

जीवन एक फैसला है। तुम्हारा जीवन एक फैसले के कारण शुरू हुआ, पर वह फैसला तुम्हारा नहीं था। तुमने फैसला नहीं लिया कि तुम्हें इस दुनिया में आने की ज़रूरत है।

जीवन बढ़ोतरी है। बढ़ोतरी विरासत में मिले फ़ैसलों से स्वतंत्रत निर्णय की ओर जाने की योग्यता है। तुम्हारे जीवन की सबसे बड़ी खोज यह है कि तुम्हें दूसरों के लिए गए निर्णयों के अनुसार जीना ज़रूरी नहीं है।

जीवन ग़लतियाँ है। जब हम अपने फैसले लेने लगते हैं तब शुरुआत में हम अक्सर ग़लत निर्णय लेते हैं। सबसे मुश्किल बात यह स्वीकार करना है कि कूछ निर्णय जो हमें विरासत में मिले, जो हमारे लिए दूसरों के द्वारा बनाए गए वो एक ग़लती थी।

जीवन अनुग्रह है। जब हम अचानक समझते हैं कि हमारे सारे ग़लत फ़ैसलों के बावजूद जो हमारे या दूसरों के द्वारा बनाए गये परमेश्वर हमारे लिए हमेशा अच्छा रहा। उसने हमारी चिंता की और हमें तब भी सुरक्षित रखा जब हम इसके कम से कम योग्य थे।

जीवन यीशु है। उसमें हमारे लिए परमेश्वर के प्रेम की भरपूरी दिखायी गई। उसने उनके लिए प्रार्थना की जो उसे सूली पर चढ़ा रहे थे, उसने उन्हें माफ़ किया जो उस पर थूक रहे थे, और उसने उनसे प्रेम किया जिन्होंने उससे नफ़रत की। हमारे पापों ने उसे मार डाला, लेकिन वो फिर से जीवित हुआ क्योंकि परमेश्वर के प्रेम को मारना नामुमकिन है।

तुम्हारा जीवन ग़लती नहीं है और न ही ये मात्र संयोग है। एक है जिसने तुम्हें जीवन देने का निर्णय लिया। एक है जो तुमसे प्रेम करता है। एक है जो तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है। अभी यीशु से प्रार्थना करो और उससे कहो की वह तुम्हारा जीवन पूरी तरह से बदल दे।

#दिलसेदिलतक Stan & Lana
Jesus Way India #BeJesusWay