दया संसार को चलाती है। “परमेश्वर उपकार न माननेवालों और धूर्तों के प्रति दयालु हैं”। (लुका 6: 35)

दया संसार को चलाती है। "परमेश्वर उपकार न माननेवालों और धूर्तों के प्रति दयालु हैं"। (लुका 6: 35)

दयालुता को हराना नामुमकिन है। ठीक जैसे अंधकार रोशनी पर नहीं जीत सकता और जैसे आग समुद्र को नहीं जला सकती और रात दिन को नहीं रोक सकती उसी तरह से दयालूता अजय है।

अगर तुम दयालुता को दुःख पहुँचाओगे तो वह तुम्हें माफ़ कर देगी। अगर तुम दयालुता को ठुकरा दो तो वह तुम्हारा इंतज़ार करेगी। अगर तुम भाग जाओ तो वह तुम्हारा पीछा करेगी।अगर तुम दयालूता को मार भी दो तो वह फिर से जीवित हो जाएगी!

लोग भलाई के लिए बनाए गए। एक भला व्यक्ति बुद्धि ज्ञान और आनन्द को प्राप्त करेगा (सभोपदेशक 2: 26)। बुरे व्यक्ति का कोई भविष्य नहीं है उसकी रोशनी बुझ जाएगी (नीतिवचन 24: 20)।

बाइबल कहती है, परमेश्वर दयालु है। दयालु मतलब भला। उसके विपरीत शैतान हमेशा बुरा और क्रोधित है। परमेश्वर ने लोगों को अपनी तरह होने के लिए बनाया – दयालू। एक दयालु व्यक्ति इस बुरी दुनिया में मसीह के चरित्र को दिखाता है।

मसीही होने के नाते हमारी सबसे महत्वपूर्ण बुलाहट है बुराई को भलाई से जितना और न की बुराई से हार से जाना (रोमियों 12: 21)। जब हम ऐसा करते हैं, तो हम इस दुनिया के लोगों को अपने पिता के चरित्र को दिखाते हैं जो कि उपकार न माननेवालों और धूर्तों के प्रति दयालु है (लुका 6: 35)।

जब यीशु मसीह को धोखा दिया गया, झूठ में फँसाया गया और क्रूस पर चढ़ाया गया तो ऐसा लगा की बुराई जीत गई। पर ये ज़्यादा समय के लिए नहीं था। मसीह मुर्दों में से जी उठा और बुराई पूरी और अपरिवर्तनीय रूप से हराई गई। यीशु मसीह का फिर से जी उठना बुराई पर भलाई की परम जीत है।

दयालुता ने संसार को बनाया और इसे चलाती है। कभी कभी ऐसा लगता है की परिस्थिती बुराई के नियंत्रण में है पर ये कुछ समय के लिए है। बुराई का हारना तय है, क्योंकि उसका कोई जीवन नहीं है। दयालुता हमेशा बनी रहती है।

#दिलसेदिलतक Stan & Lana
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