दिल से दिल तक

अगर आप लोगों का न्याय करते हैं तो आपके पास उन्हे प्यार करने का समय नहीं होगा । "दूसरों का न्याय मत करो और तुम्हारा भी न्याय नहीं किया जाएगा" । (मत्ती 7: 1)

मसीह से पहले लोगों ने धुंधले आईने में छाया की तरह परमेश्वर को ठीक से नहीं समझा । लेकिन मसीह में परमेश्वर खुद हमारे पास आये ताकि हम साफ साफ समझ सकें कि वह कौन है। “पिता और मैं एक >>>

अगर आप विश्वास में चलते हैं तो आप विजय में चलेंगे। “हर एक जो परमेश्वर से जन्म है, वह संसार पर जय प्राप्त करता है। यह वह जीत है जिसने दुनियाँ को जीत लिया यहाँ तक कि हमारे विश्वास को भी।" (1 यूहन्ना 5: 4)

जब हम मसीह को अपने दिल में स्वीकार करते हैं तब हमें एक नया जीवन शुरू करने की क्षमता प्राप्त होती है। लेकिन हम उस क्षमता को तभी पूरा कर पाएंगे जब हम विश्वास में बढ़ेंगे।

इसका क्या मतलब है >>>

समस्याएं लोगों को परमेश्वर के करीब लाती हैं और समस्याएं लोगों को परमेश्वर से दूर कर देती हैं। “यीशु ने चारों ओर देखा और उन्हें पीछे चलते देखा। 'तुम क्या चाहते हो?' उसने उनसे पूछा "। (यूहन्ना 1: 38)

जब यूहन्ना के दो चेले उसे छोड़कर मसीह के पीछे हो लिए तब यीशु ने उन से पूछा, “तुम क्या चाहते हो?” (यूहन्ना 1: 37) उस समय यीशु का एक भी चेला नहीं था। इसलिए इस तरह का सवाल उस >>>

जब आप प्यार करना बंद कर देते हैं तब आप जीना बंद कर देते हैं। यीशु ने कहा, "जैसे आप खुद से प्रेम रखते हैं वैसे ही अपने प्रभु परमेश्वर से और अपने पड़ोसी से प्रेम करें। ऐसा करें और आप जीवित रहेंगे "। (लूका 10: 27-28)

जीवन सबसे बड़ा उपहार है जो परमेश्वर ने आपको दिया। लेकिन प्यार के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं।

यह हो सकता है कि आपके जन्म की परिस्थितियाँ सबसे अच्छी न थी। यह हो सकता है कि आप एक अधूरे >>>

अगर आपको चमत्कार चाहिए तो उसके लिए आपको परमेश्वर की जरूरत है। लेकिन परमेश्वर को आपके जीवन मे चमत्कार करने के लिए, आपके विश्वास की आवश्यकता है। "विश्वास करने वालो के लिए सब कुछ सम्भव है"। (मरकुस 9: 23)

धन्यवाद के परिणाम स्वरूप हमारा विश्वास और मज़बूत होता है। जब हम विश्वास से परमेश्वर को उसके भावी जवाबों के लिए धन्यवाद देते हैं तब हमारा विश्वास और मज़बूत होता है। हालाकि हम उसके जवाब को अभी तक अपनी शारीरिक >>>

परमेश्वर लोगों को बीमार नहीं करता क्योंकि उसकी उपस्तिथि चंगा करती है “परमेश्वर दुष्ट की परीक्षा में नहीं पड़ सकता”। (याकूब 1: 13)

तुम्हारी उपस्तिथि में बीमार चंगे हो जाते हैं, पापी पवित्र हो जाते हैं और अंधे देखने लगते हैं। तुम्हारी उपस्तिथि निराश लोगों के लिए आशा, और दबे हुए लोगों के लिए स्वतंत्रता लाती है। तुम्हारी उपस्तिथि के सामने पहाड़ मोम >>>

Who Is Jesus?

उसका जन्म 2000 साल पहले एक बढ़ई के बेटे के रूप में बैतलैहम नामक एक छोटे शहर में हुआ था। उस समय बहुत से लोगों ने उसके जन्म पर ध्यान नहीं दिया। फिर भी अभी हम पूरे इतिहास को दो >>>