समस्याएं लोगों को परमेश्वर के करीब लाती हैं और समस्याएं लोगों को परमेश्वर से दूर कर देती हैं। “यीशु ने चारों ओर देखा और उन्हें पीछे चलते देखा। ‘तुम क्या चाहते हो?’ उसने उनसे पूछा “। (यूहन्ना 1: 38)

समस्याएं लोगों को परमेश्वर के करीब लाती हैं और समस्याएं लोगों को परमेश्वर से दूर कर देती हैं। “यीशु ने चारों ओर देखा और उन्हें पीछे चलते देखा। 'तुम क्या चाहते हो?' उसने उनसे पूछा "। (यूहन्ना 1: 38)

जब यूहन्ना के दो चेले उसे छोड़कर मसीह के पीछे हो लिए तब यीशु ने उन से पूछा, “तुम क्या चाहते हो?” (यूहन्ना 1: 37) उस समय यीशु का एक भी चेला नहीं था। इसलिए इस तरह का सवाल उस व्यक्ति के मुँह से काफी अजीब लग रहा था जो उनका अगुआ बनने वाला था। लेकिन सबसे पहले यीशु चाहता था कि हम यह समझें कि हम उसके पीछे क्यों चलते हैं। अगर हम इस कारण को स्पष्ट करें तो हम समझ सकेंगे कि हम अपने मसीही जीवन में कितने सफल होंगे।

लोग समस्याओं की वजह से परमेश्वर के पास आते हैं। अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो वे आमतौर पर उसे छोड़ देते हैं। लेकिन क्या होता है जब प्रभु किसी की मुसीबतों को दूर करने में उसकी मदद करता है? बड़े दुख की बात है, इस बात की कोई गारंटी नहीं कि वह व्यक्ति मसीह कs पीछे चलता रहेगा। उदाहरण के लिए, जिसके पास नौकरी नहीं वह चर्च जाता है और प्रार्थना के लिए कहता है। लेकिन जब परमेश्वर प्रार्थना का उत्तर देते हैं तब वह व्यक्ति इतना व्यस्त हो जाता है कि उसका काम उसे चर्च से दूर ले जाता है और वह प्रभु को भूल जाता है। एक और उदाहरण है। अगर किसी व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य की समस्या है तो वह परमेश्वर से उसे ठीक करने के लिए कहता है। लेकिन जब परमेश्वर ऐसा करता है तब वह व्यक्ति प्रार्थना करना और परमेश्वर को खोजना बंद कर देता है।

“आप क्या चाहते हैं?” यीशु ने अपने पहले चेलों से पूछा। ईश्वर हर युग में एक ही सवाल पूछता रहता है। यूहन्ना 1: 39 में लिखा है कि पतरस और अन्द्रियास ने मसीह का पीछे किया क्योंकि वे प्रभु के करीब रहना चाहते थे। बाद में मसीह के और भी कई चेले बने। कुछ लोग उनके पीछे चले क्योंकि यीशु उन्हें खिलाते थे, दूसरों को चमत्कार की जरूरत थी। बहुत से लोग केवल उसकी प्रसिद्धि और लोकप्रियता के कारण ही मसीह के प्रति आकर्षित हुए थे। लेकिन यीशु ने कभी भी ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं किया और न ही उन्हें अपने समूह का हिस्सा बनाया। वह ऐसों को सराहता था जो लोग उसका पीछे करते थे यह जानकर कि वह सचमुच कौन था, इसलिए नहीं कि वह उन्हें क्या दे सकता था।

आज प्रभु यीशु हम सब से एक ही सवाल पूछता है, “तुम क्या चाहते हो? तुम मेरे पीछे क्यों चल रहे हो?” अगर आप उससे कुछ पाने के लिए उसका पीछे चलते हैं, तो आपकी प्रेरणा खत्म हो जाएगी और आप आत्मिक दिवालिया हो जाएंगे। लेकिन अगर आप यीशु के पीछे चलते हैं क्योंकि आप उससे प्यार करते हैं तो कुछ भी आपको रोक नहीं पाएगा।