भले ही दुनियाँ डर और चिंता से भरी हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमें दुनियाँ का पीछा करना है। मसीह ने हमें पाप से छुड़ाया और हम अब दुनियाँ के हिसाब से नहीं जीते। हम परमेश्वर के राज्य के मूल्यों के अनुसार जीते हैं। हमें आज की स्थिति में परमेश्वर के राज्य की योजनाओं को समझना है और उस दिन का इंतेजार करना है जब हमारे प्रभु यीशु मसीह का राज्य इस दुनियाँ में आएगा।
हम हर दिन प्रार्थना करते हैं, “आपका राज्य आए।” और उस के बाद हम अपने घुटनों से उठते हैं और मसीह के आने की उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हुए उसके राज्य के काम करते हैं। हम इस दुनियाँ के अंधेरे में जाते हैं। हम विश्वास, आशा और प्रेम लाते हैं जो केवल यीशु से आते हैं। हम में से हर एक परमेश्वर के राज्य के अधिकारी हैं। और हम में से हर एक इस दुनियाँ में उस अधिकार के साथ काम करना जारी रखेगा जो परमेश्वर ने हमें दिया है। हम इसे उस दिन तक करेंगे जो प्रभु ने ठहराया है।
हम सभी दु:खों पर जय पाते हैं और पूरी जीत को प्राप्त करते हैं क्योंकि मसीह हमसे प्यार करता है। मुझे यकीन है कि न मौत, न जीवन, न स्वर्गदूत, न ही बुरी आत्माएं हमें परमेश्वर से अलग कर सकते हैं। कोई भी शक्तियाँ न आज और न ही भविष्य में यह कर सकती हैं। ऊँचाई या गहराई में कोई भी रचना हमें परमेश्वर से अलग नहीं कर सकती, जो हमसे प्यार करता है। परमेश्वर ने हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें अपना प्यार दिखाया। (रोमियों 8: 37-39)
दुनियाँ बदल गयी है लेकिन यीशु मसीह कल, आज और सदा एक सा है। (इब्रानियों 13: 8) उसकी महान आज्ञा नहीं बदली, “जाओ और सभी देशों के लोगों को चेला बनाओ”। उसका वादा नहीं बदला, “मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ, उम्र के अंत तक”। (मत्ती 28: 19) इसलिए आइए जब तक हमारे पास मौका है, अच्छा काम करते रहें।
#दिलसेदिलतक Stan & Lana
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