आपके शब्द आपके जीवन को निर्देशित करते हैं आज आप जिस चीज़ के बारे में बात करते हैं कल वो आपके पास होगा। परमेश्वर ने सृष्टि को अपने शब्द से बनाया। शब्द में रचनात्मक शक्ती है। आप निश्चय करते हैं की आप अपनी ज़ुबान को उन्नती के लिए इस्तेमाल करेंगे या नाश के लिए।
अगर आपके विचार सही नहीं हैं तो आप सही शब्द नहीं बोल सकते। विचार आपके साथ आपकी आंतरिक बातचीत है। वास्तव में विचार वे शब्द हैं जो आप अपने आप से बोलते हैं पर अभी तक उन में आवाज़ नहीं है। सही विचार आपको सकारात्मक प्रेरणा से ऊर्जा देते हैं, वे सही शब्दों को जन्म देते हैं, और सही शब्द सही परिणाम लाते हैं।
आप अपने सोचने के तरीक़े को बदले बिना अपने जीवन को नहीं बदल सकते। किसी के लिए बुरी चीज़ों की कामना मत करो। अपने बीते हुए कल की उन परिस्तिथियों के बारे में सोचना बंद कीजिए जिनको बदलना नामुमकिन है। जिन्होंने आपके साथ बुरा किया है उन लोगों से काल्पनिक बातें करना बंद करे। अपने दिमाग़ को क्षमा न करनेवाले जलन और ग़ुस्से के ज़हरीले विचारों से आज़ाद करें। अपने ख़ुद के विचारों से अपने आप को ज़हरीला बनाना बंद करो।
आपको एक प्रयास करने और सच्ची, आदरणीय और सही बातें सोचने की आवश्यकता है। (फ़िलिपियों 4: 8) सुसमाचार पढ़ो और परमेश्वर के वचन पर ध्यान लगाओ। तब आपको महसूस होगा की परमेश्वर भला है और आपके जीवन पर नियंत्रण रखता है। वो चिज़ों को सही करेगा और आपको उदास परेशान ग़ुस्सा और आपा खोने की ज़रूरत नहीं है। अपने और अपने प्रियजनो के लिए परमेश्वर और उसके अद्भुत वादों पर विश्वास करने का निर्णय लो।
जब आप लगातार परमेश्वर के वचन में बने रहेंगे तो आपके विचार विश्वास के विचार बन जाएँगे। विश्वास के विचार विश्वास के शब्दों को जन्म देंगे। और विश्वास के शब्द आपके जीवन के किसी भी पहाड़ को हटा देंगे, ठीक जैसे यीशु ने कहा, “यदि कोई इस पहाड़ से कहे, जा इस समुद्र में गिर जा, और अपने दिल में शक न करे पर विश्वास करे की जो वे कहते हैं हो जाएगा, तो वो उनके लिए हो जाएगा।” (मरकुस 11: 23)
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